Ncert/Rbse/Cbse class 12 Political Science Book 1 chapter 1 notes in Hindi  
शीत युद्ध का दौर 
- क्यूबा का मिसाइल संकट  
 
- क्यूबा अमेरिका के तट से लगा हुआ एक छोटा द्वीपीय देश है ।
 
- क्यूबा के अमेरिका के नज़दीक होने के बावजूद भी क्यूबा का जुड़ाव सोवियत संघ से था ।
 
- सोवियत संघ क्यूबा को कूटनयिक और वित्तीय सहायता देता था ।
 
- अप्रैल 1961 में सोवियत संघ के नेता क्यूबा पर अमेरिका के द्वारा आक्रमण की संभावना से चिंतित थे ।
 
- सोवियत संघ के नेता निकिता खुशच्रेव ने क्यूबा को रूस का सैनिक अड्डा बनाने  निर्णय किया। 
 
- 1962 में  निकिता खुशच्रेव  ने क्यूबा में मिसाइलें तैनात कर दी। 
 
- सोवियत संघ के क्यूबा में मिसाइल तैनात करने पर पहली बार अमेरिका नजदीकी निशाने की सीमा में आ गया। 
 
- सोवियत संघ के मिसाइलों की तैनाती के कारण वह अमेरिका को पहले की मुताबिक ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता था। 
 
- सोवियत संघ द्वारा क्यूबा में मिसाइल तैनात करने की बात अमेरिका को तीन हफ्तों के बाद पता लगी। 
 
- अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी और उनके सलाहकार ऐसा कुछ भी करने से हिचकिचा रहे थे जिससे अमेरिका और सोवियत संघ में परमाणु युद्ध हो जाए। 
 
- वे  द्रृढ़ थे   की निकिता खुशच्रेव क्यूबा से मिसाइले और परमाणु हथियार हटा ले। 
 
- जॉन एफ कैनेडी ने क्यूबा की तरफ जाने वाले सोवियत जहाजों रोकने का आदेश दिया। 
 
- इस तरह की स्थिति को देखकर  युद्ध होकर रहेगा इसे ही "क्यूबा  मिसाइल संकट" कहा जाता है । 
 
- यदि अमेरिका और सोवियत संघ में युद्ध होता तो यह कोई आम युद्ध  नहीं होता इसलिए इसकी आशंका से पूरी दुनिया बेचैन थी,इसलिए अंतत दोनों ने युद्ध को टालने  का फैसला लिया वः दुनिया ने चैन की सांस ली। 
 
- इसी कारण क्यूबा मिसाइल संकट को शीतयुद्ध का चरम बिंदु कहा जाता है।
 
- शीतयुद्ध सोवियत संघ (रूस)और अमेरिका एवं उनके साथी देशो  के बीच प्रतिद्वंदता तनाव और संघर्ष की श्रृंखला के रूप में जारी रहा , लेकिन इन तनाव ने युद्ध का रूप नहीं लिया और दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध  से बची रही। 
 
- शीत युद्ध केवल जोर-आजमाइश सैनिक गठबंधन का मामला नहीं था। बल्कि  इसमें पुरे विश्व में राजनितिक आर्थिक और सामाजिक जीवन को सूत्रबद्ध करने के सबसे बेहतर सिद्धांत पर विचारधाराओं  की  भी लड़ाई थी। 
 
- अमेरिका पश्चिमी गठबंधन , गुट  उदारवादी , लोकतंत्र और पूंजीवाद का समर्थक था। 
 
- सोवियत संघ  पूर्वी  गठबंधन , गुट  की प्रतिब्धता  , समाजवाद  और साम्यवाद  का समर्थक था। 
 
2. शीत युद्ध  क्या है ?
 
- द्वितीय विश्व युद्ध का अंत समकालीन विश्व राजनीती का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।  
 
Note:  
- द्वितीय विश्व युद्ध 1939 -1945 के बीच चला। 
 
- इस युद्ध में विश्व के लगभग सभी देश  थे। 
 
- यह युद्ध मित्र- राष्ट्रों और धुरी-राष्ट्रों के बीच लड़ा गया। 
 
- मित्र राष्ट्र - अमेरिका , सोवियत संघ ,ब्रिटेन और फ्रांस। 
 
- धुरी राष्ट्र -  जर्मनी,इटली और जापान। 
 
- 1914 -1918 के बीच हुए पहले विश्वयुद्ध भी यह ज्यादा भारी पड़ा। 
 
- दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति से ही शीतयुद्ध की शुरुआत हुई ।  
 
- अगस्त 1945 में अमेरिका ने जापान के दो सहरो हिरोसीमा एवं नागासाकी पर परमाणु बम गिराए। 
 
परमाणु बम  गिराने के अमेरिकी फैसले पर आलोचकों के तर्क 
 
- अमेरिका जानता था की जापान आत्मसमर्पण करने वाला है। ऐसे में परमाणु बम गिराने की जरुरत नहीं थी। 
 - आलोचकों के अनुसार अमेरिका की इस  का लक्ष्य सोवियत संघ को एशिया और अन्य जगहों पर सैन्य और राजनैतिक लाभ उठाने से रोकना था। 
 - आलोचकों के अनुसार अमेरिका सोवियत संघ को अपनी ताक़त दिखाना चाहता था।  
 
अमेरिका के समर्थको के तर्क 
 
- अमेरिका के समर्थकों के अनुसार युद्ध को जल्दी समाप्त करने और जनहानि को रोकने के लिए परमाणु बम  जरुरी था।  
 
UPDATED SOON
 
 
 
1 Comments
इस पोस्ट में ncert /cbse /rbse बोर्ड की क्लास-12 की राजनीती विज्ञान विषय की पहली बुक समकालीन विश्व राजनीति के पहले अध्याय शीतयुद्ध का दौर के नोट्स बनाकर दिए गए हैं यदि किसी को कोई समस्या हो या कुछ समझ में न आये तो वो हमें यहाँ कमेंट कर सकता है या फिर हमारे ईमेल एड्रेस artsonlineclasses@gmail.com पर मेल भी कर सकता है हम आपकी समस्या को जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी हल करने का प्रयास करेंगे।
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